रावण नहीं हिरण्य कश्यप का होता है वध, यहां तब मनाते हैं दशहरा

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Khargone News: इस बार यह आयोजन 30 सितंबर और 1 अक्टूबर की दरमियानी रात को होगा, जो 2 सितंबर की सुबह तक चलेगा. पहले दिन झाड़ पूजन के बाद गणेश भगवान और मां अंबे की सवारी निकलेगी.