बरेली जिला हाल ही में हुए बवाल के कारण चर्चा में है. इस उपद्रव का कारण बने मौलाना तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता है. 15 साल पहले भी, यानी 2 मार्च 2010 को, तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद बरेली में दंगा भड़क गया था. तब कुहाड़ापीर इलाके में बारावफात के जुलूस के दौरान हुई इस हिंसा के बाद शहर में एक महीने तक कर्फ्यू लगा रहा था. दंगाइयों ने हिंदू व्यापारियों की 30 से अधिक दुकानों को निशाना बनाया और आग लगा दी थी.