इंंसानी अतिक्रमण से खीर गंगा वर्षों तक उल्टी बहने को मजबूर हुईं। अब भागीरथी की इस सहायक नदी ने जब अपना वास्तविक पथ पकड़ा तो अपने साथ तबाही लेकर आई।